#22: ब्लड गोल्ड: खून, भ्रष्टाचार और तस्करी का जाल
साथ हीः एचटी स्मार्टकास्ट के पॉडमास्टर्स 2025 की घोषणा और अलाहबादिया को कोर्ट ने दी राहत
कोलंबिया के एंटिओकिया क्षेत्र में बसा एक छोटा सा कस्बा, सेगोविया, सदियों से सोने की खान के लिए मशहूर रहा है। लेकिन यह संपत्ति इस कस्बे के लिए वरदान नहीं, बल्कि अभिशाप साबित हुई। 'The Shadow of El Dorado' पॉडकास्ट इस कस्बे के अंधेरे सच को उजागर करता है। एक ऐसा सच जिसमें लालच, खून और भ्रष्टाचार का ऐसा घातक जाल है, जिससे बच पाना असंभव सा है।
सोने के लिए छिड़ी जंग
1980 के दशक में जब सेगोविया की सोने की खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया, तब उम्मीद थी कि इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। लेकिन जल्द ही यह सपना एक भयावह हकीकत में बदल गया। यह इलाका सोने के व्यापार पर कब्जे की लड़ाई का अखाड़ा बन गया। इनमे सबसे ताकतवर दावेदार था क्लान डेल गोल्फो (The Gulf Clan), एक कुख्यात अपराधी संगठन, जिसने पहले मादक पदार्थों की तस्करी से अपनी जड़ें जमाईं और फिर सेगोविया की खदानों पर अपना शिकंजा कस लिया।
"वे सोना निकालने नहीं, बल्कि खून बहाने आए थे,", पॉडकास्ट के एक एपिसोड में यह वाक्य सुनते ही लगता है कि यह केवल एक अपराध कथा नहीं, बल्कि एक अंतहीन त्रासदी है। यह सिर्फ अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसा दस्तावेज है जो चमकीले सोने के अंधेरे सच को उजागर करता है।
कस्बा जो एक कब्रिस्तान बन गया
सेगोविया में जो खदानों में काम करते थे, वे चौतरफा मार झेल रहे थे: धमकियां, फिरौती और जबरन वसूली। खदानों में काम करने वाले मजदूरों से "वैक्सूना" (protection money) के नाम पर पैसा वसूला जाने लगा। जो मना करता, वह या तो गायब हो जाता या फिर सड़क पर उसकी लाश मिलती। व्यापारी, स्थानीय नेता और यहां तक कि अधिकारी भी इस गिरोह के सामने घुटने टेक चुके थे। पॉडकास्ट में पीड़ितों के परिवारों की दास्तानें सुनी जा सकती हैं - गायब हुए बेटों, मारे गए पतियों और उजड़ गए घरों की कहानियां।
सोने की काली दुनिया
लेकिन यह कहानी सिर्फ सेगोविया तक सीमित नहीं। "ब्लड गोल्ड" का सफर सिर्फ कोलंबिया तक सीमित नहीं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचता है। पॉडकास्ट उन तरीकों का भी पर्दाफाश करता है जिनके जरिए यह अवैध सोना वैध बाजार में बदल दिया जाता है। “सोने का रंग तो एक जैसा होता है, लेकिन इसकी कहानी अलग-अलग होती है," पॉडकास्ट का यह कथन इस पूरे व्यापार की जटिलता को दर्शाता है।
कोलंबिया में सोने के खनन से जुड़े अपराधों की फेहरिस्त लंबी है। मानव अधिकारों का हनन, जिसमें जबरन श्रम और यौन तस्करी शामिल है, पारा संदूषण के कारण पर्यावरण को नुकसान, स्वदेशी और एफ्रो-कोलंबियाई आबादी का विस्थापन और खनन क्षेत्रों में हिंसा और संघर्ष।
भारत और दुनिया की कड़ी
क्या यह ब्लड गोल्ड भारतीय बाजार तक भी पहुंचता है? भारत को "दुनिया में ब्राज़ीलियाई सोने का चौथा सबसे बड़ा आयातक" बताया गया है, जिसमें से कुछ सोना संभवतः अमेज़न में अवैध खनन से आता है, जिसमें यानोमामी क्षेत्र भी शामिल हैं। अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और मध्य पूर्व से भारत तक सोने की तस्करी के कई रूट्स उजागर हो चुके हैं। शायद इसीलिये अमेज़न की इस स्वदेशी जनजाति ने भारतीयों से "ब्लड गोल्ड" खरीदना बंद करने की भावनात्मक अपील की थी, क्योंकि यह स्थानीय लोगों के रक्त से सना है।
एक हकीकत यह भी है कि एक बार जब सोना अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रवेश कर जाता है तो खरीदारों के लिए वैध और अवैध सोने के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। तिस पर सोने के व्यापार का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया जाता है। वर्ष 2023-24 तक, कोलंबिया से भारत के आयात में अन्य वस्तुओं के अलावा सोना और कीमती पत्थर शामिल हैं। हालांकि यह सुनिश्चित करने में चुनौतियां बनी हुई हैं कि भारत में आयातित सभी सोने के स्रोत नैतिक हैं।
हम जो गहने पहनते हैं, जो निवेश करते हैं, क्या हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि यह सोना कहां से आया है? क्या यह सिर्फ एक खदान से निकला धातु है, या इसके पीछे लाशों की एक लंबी कतार छुपी हुई है? शायद यह सवाल ही सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है।
अन्य समाचारों में:
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया को कथित अश्लील टिप्पणियों पर कानूनी जांच के बाद अपना पॉडकास्ट "द रणवीर शो" फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है। न्यायालय का निर्णय इस शर्त के साथ आया है कि अलाहबादिया को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सामग्री नैतिकता और शालीनता के मानकों का पालन करती है, जिससे यह सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त हो। वैसे ये मानक हैं क्या? अलाहबादिया ने दुहाई दी थी कि 280 कर्मचारियों की आजीविका उनके जिम्मे है।
हार्पर बाज़ार इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पॉडकास्ट श्रोताओं के मामले में भारत दुनिया भर में तीसरे सबसे बड़े बाज़ार के रूप में उभर रहा है। ट्रू क्राईम से लेकर सेल्फ हेल्प जैसी विविध सामग्री की पेशकश में उछाल देखा जा रहा है। इस माध्यम की लोकप्रियता ने कई मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को आकर्षित किया है, जो धड़ाधड़ व्यक्तिगत पॉडकास्ट चैनल लॉन्च कर रहे हैं।
एचटी स्मार्टकास्ट ने विगत वर्ष की भांति भारत के कथित सबसे बड़े पॉडकास्ट इवेंट, पॉडमास्टर्स 2025 की वापसी की घोषणा की है। इस इवेंट का उद्देश्य तेजी से बढ़ते भारतीय पॉडकास्टिंग उद्योग में उत्कृष्टता का जश्न मनाना है, जिसमें एक कॉन्क्लेव और एक पुरस्कार समारोह होगा। पॉडमास्टर्स 2025 पैनल चर्चा, मास्टरक्लास और फायरसाइड चैट हेतु प्रमुख पॉडकास्टर्स, मीडिया पेशेवरों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। इस इवेंट का समापन एक भव्य पुरस्कार समारोह में होगा, जिसमें पॉडकास्टिंग12 में कई श्रेणियों में उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। पुरस्कारों के लिए आवेदन 10 मार्च, 2025 तक खुले हैं, जिसके लिये ₹999/- की फीस भी है :) (ये आइडिया मुझे इंडिब्लॉगीज़ के समय क्यों नहीं आया)।
उल्लेखनीय पॉडकास्ट
कल्चर किड्स (अंग्रेजी) 🆓
वर्तमान युग में सांस्कृतिक समझ शायद पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। जिज्ञासा और खुलेपन के साथ विभिन्न संस्कृतियों और उनके त्योहारों, भोजन, परंपराओं के बारे में जानना इसलिये भी ज़रूरी है क्योंकि ये हज़ारों मील दूर स्थित संस्कृतियों को जोड़ती अनोखी समानताओं को भी उजागर करता है। कल्चर किड्स एक ऐसा ही पुरस्कृत पॉडकास्ट है जिसका मिशन है बच्चों को दुनिया की विविधता से परिचित करा बहुसांस्कृतिक मानसिकता पैदा करना। अपने घरों से ही दुनिया को एक्सप्लोर करने के इच्छुक बच्चों के लिए, कल्चर किड्स एक आकर्षक और समृद्ध अनुभव प्रदान करता है। पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं !