#29: छह सेकंड में शोहरतः एक ऐप जिसने इंटरनेट को हमेशा के लिये बदल दिया
साथ हीः यूट्यूब की 20वीं सालगिरह
2013 में, इंटरनेट पर एक नई भाषा का जन्म हुआ। एक ऐसी भाषा जिसमें, ट्विटर के शुरुवाती 140 केरेक्टर्स की सीमा की भांति, कोई भी बात बस छह सेकंड में बोलनी होती थी। ये अंतहीन लूप में चलती थी, और स्मार्टफोन धारी किशोरों को अपनी पंचलाइन की बिसात पर रातों रात स्टार बना देती थी। यह थी Vine: एक ऐप जिसने डिजिटल युग में हमारे हंसने, साझा करने और यहां तक कि प्रतिभा की खोज करने के तरीके को दुबारा परिभाषित किया।
वाइन की कहानी इसके तीन संस्थापकों, डोम हॉफमैन, रुस युसुपोव और कॉलिन क्रोल, से शुरू हुई जो वीडियो साझा करना SMS भेजने जितना आसान बनाना चाहते थे। उनकी नई सोच के मुताबिक वाइन में छह सेकंड की सख्त सीमा और विडियो लूप में चलते रहने की सुविधा थी। उन्होंने एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बनाया जिसने रचनात्मकता को अपनी सीमाओं के चरम तक पहुंचने पर मजबूर कर दिया और छह सेकंड में कॉमेडी, संगीत और कहानी कहने की एक नई शैली को जन्म दिया।
ट्विटर ने इसकी संभावना देखी और 2012 में 3 करोड़ डॉलर में वाइन को खरीद लिया। जब जनवरी 2013 में वाइन ऐप लॉन्च हुआ, तो यह तुरंत सनसनी बन गया। उस वर्ष के अंत तक, वाइन के उपयोगकर्ता आधार में 40०% की वृद्धि हुई, जिससे यह दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला ऐप बन गया। अपने चरम पर, वाइन के 20 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता थे, और इसके प्रशंसकों में 40% से अधिक अमेरिकी किशोर शामिल थे। मशहूर हस्तियाँ और ब्रांड इस प्लेटफ़ॉर्म पर आए, और शॉन मेंडेस जैसी इंटरनेट सितारों की एक नई पीढ़ी यहाँ से उभरी। वाइन ने इंटरनेट की लय को बदल दिया था। संक्षिप्तता और चतुराई वायरलिटी की नई मुद्रा बन गये। इसका सांस्कृतिक प्रभाव आज भी मीम्स के रूप में सोशल मीडिया पर गूंजते हैं।
वाइन ने इंटरनेट की लय को बदल दिया था। संक्षिप्तता और चतुराई वायरलिटी की नई मुद्रा बन गये। इसका सांस्कृतिक प्रभाव आज भी मीम्स के रूप में सोशल मीडिया पर गूंजते हैं।
लेकिन जो सीमाएँ वाइन को अद्वितीय बनाती थीं, वही इसके पतन का कारण भी बनीं। जैसे ही इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे प्रतिद्वंद्वी शॉर्ट-फॉर्म वीडियो की दौड़ में शामिल हुए। उनको लंबे वीडियो, बेहतर संपादन उपकरण और पैसे कमाने के तरीके पेश किए तो वाइन की कमज़ोरियाँ सामने आने लगीं। वाइन के सितारों को लाखों व्यूज तो मिल रहे थे, पर कमाई शून्य थी। यूट्यूब के विज्ञापन राजस्व शेयर या इंस्टाग्राम की ब्रांड भागीदारी के विपरीत, वाइन ने मुद्रीकरण के मामले में कुछ खास नहीं किया। नतीजतन क्रिएटर्स पलायन करने लगे।
उधर आंतरिक रूप से, वाइन की मालिक कंपनी, ट्विटर, अपने निजी दिक्कतों का सामना कर रही थी: वित्तीय घाटा, नेतृत्व में उथल-पुथल, वगैरह। स्पष्ट दिशा और निवेश के अभाव में वाइन प्रतिस्पर्धा के साथ ताल नहीं मिला पा रहा था। 2016 तक, सब कुछ खत्म हो चुका था। उपयोगकर्ता वृद्धि रुक गई, जुड़ाव कम हो गया, और एक बार गुलजार रहने वाला यह प्लेटफ़ॉर्म एक भूतहा शहर जैसा लगने लगा।
जब 2017 की शुरुआत में ट्विटर ने इसे बंद कर दिया, तो इंटरनेट पर शोक की लहर दौड़ गई। वाइन का बंद होना एक ऐप के खत्म होने से कहीं ज़्यादा था, यह एक युग का अंत था। फिर भी इसकी विरासत आज भी ज़िंदा है। वाइन का DNA टिकटॉक, इंस्टग्राम रील्स और यूट्यूब शार्ट्स जैसे आपकी स्क्रीन पर आने वाले हर शॉर्ट-फ़ॉर्म वीडियो में देखा जा सकता है। शायद यह सच ही है कि रचनात्मकता बाध्यता के तहत अधिक पनपती है, एक चुटकुला या कहानी पलक झपकते भी कही जा सकती है। ये बात कल्पना नहीं है बल्कि अब हमारी डिजिटल संस्कृति का एक केंद्रीय सिद्धांत है।
जो लोग वाइन के इस रोमांचक सफ़र को सिरे से जानना चाहते हैं, उनके लिए एक नया पॉडकास्ट आया हैः “वाइन: सिक्स सेकंड्स दैट चेंज्ड द इंटरनेट” जो इस प्लेटफ़ॉर्म के उदय, इसके सांस्कृतिक प्रभाव और इससे सीखे सबक के बारे में गहराई से बताता है।
एक ऐसी दुनिया में जहाँ अभी भी वायरल होने का जुनून है, वाइन की कहानी एक अनुस्मारक है: कभी-कभी, सब कुछ बदलने के लिए आपको बस छह सेकंड की ज़रूरत होती है।
यूट्यूब की 20वीं सालगिरह
2005 में यूट्यूब पर महज़ 19 सेकंड का वीडियो अपलोड हुआ था। आज इस पर प्रतिदिन 2 करोड़ नए विडियो अपलोड होते हैं। विगत वर्ष उपयोगकर्ता ने प्रतिदिन 10 करोड़ कमेंट पोस्ट किये और 350 करोड़ विडियो लाइक किये।
यूट्यूब के आगामी फीचर्स में शामिल होंगे क्रिएटर्स के लिये वॉयस नोट्स के साथ कमेंट्स का जवाब देने की सुविधा, "आस्क म्यूज़िक" के अतर्गत प्रीमियम उपयोगकर्ताओं को मूड-आधारित रेडियो स्टेशन बनाने की सुविधा और प्रीमियम मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए 4x प्लेबैक स्पीड (इतनी स्पीड पर विडियो कौन देखता है भई)।
अपन की राय में 20वें जन्मदिन की घोषणा में कोई भी विशेषता विशेष रूप से क्रांतिकारी या गेम-चेंजिंग नहीं दिखती है। अधिकतर इंक्रीमेंटल अपडेट्स हैं। हाँ यूट्यूब TV पर गैर-खेल सामग्री के लिए मल्टीव्यू विकल्प दिलचस्प है, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो अपने देखने के अनुभव को कस्टमाइज़ करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय पॉडकास्ट
इंडियन नोयर | अंग्रेजी | हॉरर
निकेश मुरली रचित इंडियन नोयर ने अपराध और डरावनी कहानियों के अपने मनोरंजक मिश्रण के साथ भारतीय पॉडकास्टिंग परिदृश्य में एक अनूठी जगह बनाई है। इस शो को जो चीज अलग बनाती है, वह है मुरली की कहानी सुनाने की महारत - उनकी आवाज़ और साउंड डिज़ाइन एक ऐसा इमर्सिव, सिनेमाई अनुभव बनाते हैं जो शीर्ष-स्तरीय ऑडियो ड्रामा को टक्कर देता है। हालांकि उनके उच्चारण में दक्षिण भारतीय और अमरीकी एक्सेंट खलता है, साउंड अफेक्ट भी कई जगह थोपे लगते हैं। उनकी कहानियाँ अक्सर भारतीय पृष्ठभूमि पर सेट की जाती हैं। शो में हिंसा, मनोवैज्ञानिक आघात और अलौकिक तत्व अक्सर दिखाई देते हैं - जो इसे वयस्क दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाता है।